भ्रूण हत्या एक ऐसा अपराध है जो दिन - प्रतिदिन बड़ते जा रहा है और हमारे समाज को गन्दा करते जा रहा है भारत में कई शहर ,कई गाँव और कई कसबे ऐसे हैं जहाँ इस अपराध को रहस्यमय तरीके से अंजाम दिया जाता है .वो डॉक्टर जिसे भगवान का रूप समझा जाता है और जो किसी को जिंदगी देता है वो थोड़े से पैसों के लालच में ऐसा घृणित कार्य कर रहा है और तो और एक माँ -बाप खुद अपनी बच्ची जिसने इस धरती पर कदम तक नहीं रखा है उसे मार डालते है इसलिए वो माँ -बाप भी उतने ही दोषी है जितना वो डॉक्टर है आज देश में कन्याओं की संख्या पुरषों से औसतन निरंतर कम हो रही है यदि आज भी समाज जागृत नहीं हुआ तो एक दिन पुरषों की तुलना में स्त्रियों के कमी के कारण समाज निश्चित तोर पर असंतुलित हो जायेगा इस लिए ऐसे समाज के डॉक्टर को शख्त से शख्त सजा दिलानी चाहिए तथा ऐसे माँ - बाप पर भी कानूनी कार्यवाही कर हत्या का केश दर्ज करना चाहिए .मैं हमेशा यह सोचती हूँ कि क्यूँ ऐसा होता है कि हर आदमी को एक माँ , पत्नी और बहन की जरुरत होती है लेकिन कभी भी उसे एक बेटी की जरुरत क्यूँ नहीं होती है . हमारी सरकार हर बार प्रचार -प्रसार करके लोगों को जागरूक करने की कोशिश करती है कि लोग इस अपराध को नहीं करे या फिर इस अपराध को होने से रोके लेकिन फिर भी .हर बार इस अपराध को नजरअंदाज किया जाता है इसका परिणाम यह है कि यह अपराध समाज में बढता जा रहा है एक बेटी अपनी माँ से गुहार लगाती है कि "माँ मुझे इस धरती पर कदम रखने दो ,मुझे इस दुनिया को देखने दो ,मैं जिना चाहती हूँ और आप लोगों का नाम रोशन करना चाहती हूँ मुझे एक मौका तो दे दो ,मुझे मत मारो माँ .मुझे मत मारों" लेकिन फिर भी वो माँ अपनी गर्भ में पल रही बेटी की आवाज को नजरअंदाज कर देती है और उसे मौत के घाट उतार देती है एक वो समाज है जहाँ बेटियों के जन्म पर उतनी ही ख़ुशी मनाई जाती है जितना की बेटों के जन्म पर और उसकी दूसरी तरफ एक ऐसा समाज है जहाँ बेटियों को जन्म से पहले ही मार दिया जाता है इससे पहले की यह अपराध बढ़ता ही चला जाये आइये हम सब मिलकर इस अपराध को ख़त्म कर दे ताकि कोई भी इस अपराध को करने की सोच भी नहीं सके ............................
Thursday 28 February 2013
Girls are the spirit of our nation, save them and stop their exploitation.
भ्रूण हत्या एक ऐसा अपराध है जो दिन - प्रतिदिन बड़ते जा रहा है और हमारे समाज को गन्दा करते जा रहा है भारत में कई शहर ,कई गाँव और कई कसबे ऐसे हैं जहाँ इस अपराध को रहस्यमय तरीके से अंजाम दिया जाता है .वो डॉक्टर जिसे भगवान का रूप समझा जाता है और जो किसी को जिंदगी देता है वो थोड़े से पैसों के लालच में ऐसा घृणित कार्य कर रहा है और तो और एक माँ -बाप खुद अपनी बच्ची जिसने इस धरती पर कदम तक नहीं रखा है उसे मार डालते है इसलिए वो माँ -बाप भी उतने ही दोषी है जितना वो डॉक्टर है आज देश में कन्याओं की संख्या पुरषों से औसतन निरंतर कम हो रही है यदि आज भी समाज जागृत नहीं हुआ तो एक दिन पुरषों की तुलना में स्त्रियों के कमी के कारण समाज निश्चित तोर पर असंतुलित हो जायेगा इस लिए ऐसे समाज के डॉक्टर को शख्त से शख्त सजा दिलानी चाहिए तथा ऐसे माँ - बाप पर भी कानूनी कार्यवाही कर हत्या का केश दर्ज करना चाहिए .मैं हमेशा यह सोचती हूँ कि क्यूँ ऐसा होता है कि हर आदमी को एक माँ , पत्नी और बहन की जरुरत होती है लेकिन कभी भी उसे एक बेटी की जरुरत क्यूँ नहीं होती है . हमारी सरकार हर बार प्रचार -प्रसार करके लोगों को जागरूक करने की कोशिश करती है कि लोग इस अपराध को नहीं करे या फिर इस अपराध को होने से रोके लेकिन फिर भी .हर बार इस अपराध को नजरअंदाज किया जाता है इसका परिणाम यह है कि यह अपराध समाज में बढता जा रहा है एक बेटी अपनी माँ से गुहार लगाती है कि "माँ मुझे इस धरती पर कदम रखने दो ,मुझे इस दुनिया को देखने दो ,मैं जिना चाहती हूँ और आप लोगों का नाम रोशन करना चाहती हूँ मुझे एक मौका तो दे दो ,मुझे मत मारो माँ .मुझे मत मारों" लेकिन फिर भी वो माँ अपनी गर्भ में पल रही बेटी की आवाज को नजरअंदाज कर देती है और उसे मौत के घाट उतार देती है एक वो समाज है जहाँ बेटियों के जन्म पर उतनी ही ख़ुशी मनाई जाती है जितना की बेटों के जन्म पर और उसकी दूसरी तरफ एक ऐसा समाज है जहाँ बेटियों को जन्म से पहले ही मार दिया जाता है इससे पहले की यह अपराध बढ़ता ही चला जाये आइये हम सब मिलकर इस अपराध को ख़त्म कर दे ताकि कोई भी इस अपराध को करने की सोच भी नहीं सके ............................
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